असुरराज बलि ने वामन अवतारी श्रीहरि विष्णु को तीन पग भूमि दान में दी थी, प्रभु ने विराट स्वरूप में एक पग में नीचे के सात लोक (अतल, वितल, सुतल, … Read More “एक रक्षाबंधन ऐसा भी : जब माता लक्ष्मी ने असुर राज बलि को बनाया अपना भाई”

असुरराज बलि ने वामन अवतारी श्रीहरि विष्णु को तीन पग भूमि दान में दी थी, प्रभु ने विराट स्वरूप में एक पग में नीचे के सात लोक (अतल, वितल, सुतल, … Read More “एक रक्षाबंधन ऐसा भी : जब माता लक्ष्मी ने असुर राज बलि को बनाया अपना भाई”
5 अगस्त 2020, यह वो ऐतिहासिक दिन है जब करोड़ो हिंदुओ के स्वाभिमान का, वर्षों से चले आ रहे संघर्ष का एक पड़ाव पूर्ण होगा। सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक निर्णय … Read More “अभिजीति मुहूर्त : जिस मुहूर्त में जन्मे थे श्रीराम, उसी शुभ मुहूर्त में होगा भूमिपूजन”
यह तो हम सभी जानते हैं कि अयोध्या के महाराज दशरथ के तीन पत्नियां थी, कौशल्या, कैकई और सुमित्रा। महाराज दशरथ अयोध्या के राजसिंहासन पर बड़ी रानी कौशल्या के पुत्र … Read More “कैकेई : जिसने एक रात में बदल दिया अयोध्या का इतिहास”
कृष्ण की द्वारिकापुरी में सतराजित नाम का एक यदुवंशी रहता था। भगवान सूर्य के साथ उसकी मित्रता थी। सूर्यनारायण ने उसे अपनी सम्यन्तक मणि उपहारस्वरूप दी थी, जो प्रतिदिन अपने … Read More “कथा सम्यन्तक मणि की, जब भगवान श्रीकृष्ण पर लगा था चोरी करने का कलंक”
अधर्म के विनाश के लिए अयोध्यानरेश भगवान श्रीराम के नेतृत्व में किष्किंधा का वानर दल विश्व की सबसे बड़ी और सबसे शक्तिशाली दैत्यशक्ति से युद्ध कर रहा था। एक ओर … Read More “जब श्रीराम ने तोड़ा हनुमानजी का अहंकार”
दुर्योधन की मृत्यु का मार्ग ये था कि जब वो खुशी और गम दोनो खबरें एक साथ सुनेगा तभी उसकी मृत्यु हो सकती है। महाभारत युद्ध मे जब भीम और … Read More “”
सृष्टि के आदि में जब ब्रह्मा जी सृष्टि निर्माण कर रहे थे, तब सबसे पहले उन्होंने अपने संकल्प शक्ति से चार पुत्रो को उत्पन्न किया जिनके नाम थे- सनक, … Read More “सनकादिक ऋषियों का जय-विजय को श्राप”
अष्टचिरंजीवियों में से एक है महर्षि मार्कण्डेय जी। विशेष बात की ये 16 वर्ष की अल्पायु लेकर जन्मे थे। भगवान शिव के वरदान से इनका जन्म ऋषि मृगश्रृंग के घर … Read More “कथा महर्षि मार्कण्डेय जी की, जिनके भाग्य में लिखी थी कम उम्र, शिव की कृपा से बन गए चिरंजीवी”
भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं के बारे में कौन नही जानता। वह भगवान श्रीहरि विष्णु के अवतार थे। अवतार लेने का उद्देश्य केवल कंस का अंत करना ही नही था, अवतार … Read More “जब भगवान श्रीकृष्ण रण छोड़ कर भागे, और नाम पड़ा रणछोड़”
भगवान शिव को प्रसन्न करना बेहद आसान है। असुर हो, देवता हो या फिर कोई सामान्य मनुष्य, शिव ने कभी अपने भक्तों के साथ भेदभाव नहीं किया। सच्चे मन से … Read More “भगवान शिव का दिया वरदान जब उन्ही पे पड़ गया भारी”
प्रकृति हमेशा से मनुष्यों को कुछ न कुछ देती ही आई है, और बदले में हमसे कभी कुछ नही मांगती, लेकिन ये हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम प्रकृति की … Read More “क्यों मनाई जाती है नागपंचमी, जानिए पौराणिक महत्व”
जगतपालक भगवान श्रीहरि विष्णु ने द्वापर युग मे अपने भक्तों का उद्धार करने और समाज में धर्म की पुनर्स्थापना करने के लिए अपनी सम्पूर्ण सोलह कलाओं सहित देवकी-वसुदेव के घर … Read More “भगवान श्रीकृष्ण ने 16,108 शादियां क्यों कि थी”
जगतपालक “श्रीहरि विष्णु” प्रत्येक काल युग और मन्वंतर में अपने भक्तों का उद्धार करने के लिए इस धराधाम पर अवतार लेते रहे है। ऐसे ही एक मन्वन्तर में उन्होंने अपने … Read More “गजेन्द्रमोक्ष, कथा “गज और ग्राह” की, कैसे भगवान विष्णु ने अपने भक्तों का किया उद्धार”
मित्रों, हमारे प्राचीन भारत का विज्ञान आज की तुलना में कई गुना ज्यादा उन्नत था, लेकिन हमने हमेशा ही वेद पुराणों का मज़ाक उड़ाया, कुछ तो यहाँ तक कहते है … Read More “कथा चक्रवर्ती सम्राट मान्धाता की जिनका जन्म अपने पिता के गर्भ से हुआ था”
पौराणिक काल मे भारतवर्ष में एक महान ऋषि थे, जिनका नाम था “महर्षि भृगु”। उनकी महानता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके द्वारा रचित सुप्रसिद्ध … Read More “कथा एक ऋषि की जिसने भगवान विष्णु को मारी थी लात”
सनातन हिन्दू धर्म मे देवताओं की “परिक्रमा” का बड़ा महत्व है। परिक्रमा का अर्थ है किसी स्थान, व्यक्ति या किसी मूर्ति के चारो ओर चक्कर काटना। इसको “प्रदक्षिणा” करना भी … Read More “क्यो करते है शिवलिंग की आधी परिक्रमा, क्या है इसका शास्त्रीय विधान”
श्रीमद्भागवत महापुराण में नवम स्कन्ध के अट्ठारवें अध्याय में “ययाति” चरित्र के बारे में विवरण है। चन्द्रवंश में एक राजा हुए थे जिनका नाम था- “नहुष”। राजा नहुष के छः … Read More “कहानी उस सम्राट ययाति की जिसके वंश में जन्मे थे श्रीकृष्ण, वह राजा जो शाप के कारण जवानी में ही हो गया था बूढ़ा”
ब्राह्मण स्वभाव से ही शांतचित्त और संतोषी पृवत्ति का होता है। वर्ण व्यवस्था के हिसाब से ब्राह्मणों को समाज को शिक्षित और जागृत करने का कार्य दिया गया था। वे … Read More “ब्राह्मण होकर भी क्षत्रियों जैसे क्यों थे भगवान परशुराम, क्या है भगवान परशुराम के जन्म का रहस्य”
पिता की आज्ञा मानकर चौदह वर्ष वन में बिताने वाले प्रभु श्री राम के बारे में तो सब जानते है। लेकिन क्या आप पिता की आज्ञा मानकर यमलोक जाने वाले … Read More “कैसे एक 5 वर्ष का बालक जीवित ही पहुंच गया यम के द्वार”
भारत एक आध्यात्मिक देश है. सनातन हिन्दू सभ्यता विश्व की सबसे पुरानी सभ्यता है. हमारा यह देश वेदों ,पुराणों, प्राचीन मंदिरों, धार्मिक स्थलों का एक महान देश है. और यह … Read More “महान ऋषि दधीचि जिन्होंने धर्म को बचाने के लिए दिये अपने प्राण”