सोलह संस्कारों में से एक है विवाह संस्कार। विवाह दो तन ही नहीं अपितु दो आत्माओं का मिलन है। सनातन सभ्यता में विवाह के वक्त कन्या और वर अग्नि को … Read More “विवाह में अग्नि के फेरे क्यों लिए जाते है?”

सोलह संस्कारों में से एक है विवाह संस्कार। विवाह दो तन ही नहीं अपितु दो आत्माओं का मिलन है। सनातन सभ्यता में विवाह के वक्त कन्या और वर अग्नि को … Read More “विवाह में अग्नि के फेरे क्यों लिए जाते है?”
दशावतार कथाएँ : प्रथम भाग : मत्स्य अवतार भगवान श्रीहरि विष्णु धर्म की रक्षा हेतु हर काल में अवतार लेते है। वैसे तो भगवान विष्णु के अनेक अवतार हुए हैं … Read More “भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की कथा”
अश्वत्थामा बलिव्र्यासो हनूमांश्च विभीषण:। कृप: परशुरामश्च सप्तएतै चिरजीविन:॥ सप्तैतान् संस्मरेन्नित्यं मार्कण्डेयमथाष्टमम्। जीवेद्वर्षशतं सोपि सर्वव्याधिविवर्जित।। अर्थात इन आठ लोगों (अश्वथामा, दैत्यराज बलि, वेद व्यास, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य, परशुराम और मार्कण्डेय ऋषि) … Read More “क्या है अश्वत्थामा की लंबी आयु का रहस्य”
श्रीरामचरितमानस में एक चौपाई है : “कलयुग केवल नाम अधारा। सुमिरि सुमिरि नर उतरहिं पारा।” अर्थात कलयुग में केवल भगन्नाम का स्मरण करने मात्र से ही जीव भवसागर से पार … Read More “भक्त अजामिल की कथा”
कनकधारा स्तोत्र वह चमत्कारिक स्तोत्र है जिसकी सहायता से भगवान श्री आदि शंकराचार्य जी ने करवाई थी सोने की बारिश ज्योतिष में धन प्राप्ति के अनेकों उपाय बताए गए है … Read More ““कनकधारा स्तोत्र” के पाठ से दूर होगा आर्थिक संकट”
श्रीदुर्गा सप्तशती का पाठ माता को अति प्रिय है, परंतु सप्तशती में सात सौ श्लोक है जो तेरह अध्यायों में आते है। माँ के भक्तों के मन में इच्छा रहती है … Read More “श्री दुर्गा सप्तश्लोकी पाठ (हिन्दी भावार्थ सहित) : 7 श्लोकों में पाएं सम्पूर्ण दुर्गा सप्तशती पाठ का लाभ”
दुर्गा सप्तशती पाठ में “अर्गला स्तोत्र” का पाठ दुर्गा कवच के बाद और कीलक स्तोत्र के पहले किया जाता है। देवी कवच के माध्यम से पहले चारों ओर सुरक्षा का घेरा बनाया जाता है … Read More “सम्पूर्ण अर्गला स्तोत्र (Argala Stotra) : हिंदी अनुवादित”
दुर्गा कवच या देवी कवच (Devi Kavach) का पाठ “दुर्गा सप्तशती” के पाठ करने से पहले किया जाता है। इस कवच का पाठ करने से देवी भगवती अपने भक्तों पर … Read More ““श्री दुर्गा देवी कवच” पाठ : सरल हिन्दी अनुवाद सहित”
महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र की रचना आदि गुरु श्री शंकराचार्य जी ने की है जिसमे उन्होंने भगवती देवी के दुर्गा रूप की बड़ी ही सुंदर स्तुति की है। मां दुर्गा का … Read More “महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र (Mahishasur Mardani Stotra)”
शिव तांडव स्तोत्रम अत्यंत प्रभावशाली शिव स्तोत्र है, जिसके नित्य पाठ से भगवान शिव की भक्ति और उनकी कृपा प्राप्त होती है। शिव तांडव स्तोत्र रावण द्वारा रचा गया है, … Read More “श्री शिव ताण्डव स्त्रोतम (Shiv Tandav Stotram) हिन्दी अनुवाद सहित”
भगवान सूर्यनारायण इस सृष्टि के एकमात्र जाग्रत देवता है। हम सभी जानते है की सूर्य देव हमारे लिए ऊर्जा के सबसे बड़े स्त्रोत है , सूर्य के बिना जीवन संभव … Read More “शारीरिक कष्टों से मुक्ति के लिए करे “श्री सूर्य चालीसा (Shri Surya Chalisa) पाठ””
जिस प्रकार सभी देवताओं में देवाधिदेव महादेव सर्वश्रेष्ठ है, उसी प्रकार भगवान शिव का पंचाक्षर मन्त्र “नमः शिवाय” मंत्रों में श्रेष्ठ है। इसी मन्त्र के आदि में प्रणव अर्थात ॐ … Read More “सृष्टि का पहला मंत्र : शिव पंचाक्षर स्तोत्र (हिन्दी अनुवाद सहित)”
भगवान शिव को जो पत्र पुष्प प्रिय हैं उनमे बिल्बपत्र प्रमुख है। बिल्बपत्र को शिव पर अर्पित करने से धन- संपत्ति ,ऐश्वर्य प्राप्त होता है। लिंगपुराण के अनुसार बिल्ब पत्र … Read More ““श्री शिव बिल्वाष्टकम स्त्रोतम” (Shiv Bilvashtakam Strotam) हिन्दी अनुवाद सहित”
आदि गुरु शंकराचार्य जी द्वारा रचित “लिंगाष्टकम स्त्रोत” (Lingashtakam Strot) भगवान शिव को समर्पित है। यह श्रावण मास में भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे आसान मार्ग है। लिंगाष्टक … Read More ““लिंगाष्टकम” (Lingashtakam) स्त्रोत के पाठ से भोलेनाथ होते है जल्द प्रसन्न”
गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र का वर्णन हिन्दू धर्म के प्रमुख ग्रंथ “श्रीमद्भगवद गीता” के तीसरे अध्याय में मिलता है। इस स्तोत्र में कुल 33 श्लोक दिए गए हैं, इनका जाप या … Read More “गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्रमं पाठ : सभी संकटों से दिलाता है मुक्ति”
हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत कलियुग में अति मंगलकारी और भगवान शिव की कृपा प्रदान करनेवाला होता है। प्रत्येक पक्ष की “त्रयोदशी तिथि” के व्रत को “प्रदोष व्रत” कहते हैं। संध्याकाल … Read More “प्रदोष व्रत के फल से सभी मनोकामनाएं होती है पूरी, पढ़िए व्रत की विधि और कथा”
रविवार का दिन भगवान सूर्य नारायण को समर्पित है। भगवान सूर्यनारायण सृष्टि के जागृत देव माने जाते है। रविवार के दिन भगवान सूर्य की पूजा अर्चना कर उनकी आरती करने … Read More “रविवार के दिन करें सूर्यनारायण की आरती, शारीरिक कष्टों से पाएं मुक्ति”
श्री शनिदेव जी को प्रसन्न करने के लिए शनिदेव की पूजा के बाद आरती करना अति आवश्यक है। भक्तों में श्री शनिदेवजी की कई प्रकार की आरती प्रचलित है, हम … Read More “श्री शनिदेव जी की आरती (Aarti Shri Shanidev ki)”
श्री रुद्राष्टकम् स्तोत्र गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा भगवान् शिव की स्तुति हेतु रचित है। इसका उल्लेख श्री रामचरितमानस के उत्तर कांड में आता है। श्री रुद्राष्टकम् स्तोत्र के पाठ से … Read More “श्री शिव रुद्राष्टक स्तोत्रमं (Shri Shiv Rudrashtakam Stotram) हिन्दी अनुवाद सहित”
।। श्रीहनुमानलला की आरती ।। आरती कीजै हनुमानलला की, दुष्टदलन रघुनाथ कला की। जाके बल से गिरिवर कांपे, रोग दोष जाके निकट न झाँके। अंजनिपुत्र महा बलदायी, संतन के प्रभु … Read More “हनुमानजी की आरती (Hanumanji ki Aarti)”
श्री हनुमान चालीसा में गोस्वामी तुलसीदास जी की अवधी भाषा में लिखी एक काव्यात्मक कृति है जिसमें प्रभु श्रीराम के महान भक्त और भगवान शिव के ग्यारहवें रुद्रावतार श्रीहनुमानजी के गुणों एवं कार्यों का चालीस चौपाइयों में बड़ा ही अद्भुत … Read More “श्री हनुमान चालीसा पाठ (Shri Hanuman Chalisa Path)”
।। आरती श्री सत्यनारायण भगवान की ।। ॐ जय लक्ष्मी रमना, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा सत्य नारायण स्वामी, जन पातक हरणा ॐ जय लक्ष्मी रमना… रतन जड़ित सिंहासन अद्भुत छवि … Read More “आरती श्री सत्यनारायण भगवान की (Aarti Shri Satyanarayan Bhagwan Ki)”
।।दोहा।। विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय । कीरत कुछ वर्णन करूं दीजै ज्ञान बताय ॥ ।।चौपाई।। नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी । प्रबल जगत में शक्ति … Read More ““श्रीविष्णु चालीसा” के पाठ से बढ़ती है मानसिक शक्ति”
नारायण कवच की महिमा इस पाठ में भक्तजन भगवान विष्णु का स्मरण करते हुए अपनी रक्षा हेतु विष्णु के सभी अवतारों से रक्षा मांगते है। जल भाग से विष्णु का मत्स्य … Read More “श्री नारायण कवच सम्पूर्ण पाठ (न्यास एवं हिन्दी अनुवाद सहित)”
।। दुर्गा माता की आरती ।। जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी । तुमको निशिदिन ध्यावत, मैया जी को निशिदिन सेवत हरि ब्रह्मा शिवरी ॥ ॐ जय अम्बे गौरी … Read More “दुर्गा माता की आरती। जय अम्बे गौरी”
माँ दुर्गा को जल्द प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद सदैव अपने परिवार पर बनाएं रखने के लिए प्रत्येक मनुष्य को हर रोज, या शुक्रवार के दिन, या अष्टमी तिथि के … Read More ““श्री दुर्गा चालीसा” के पाठ से दूर होंगे जीवन के सारे दुःख”
ॐ श्री परमात्मने नमः । ॐ नमो भगवते वासुदेवाय । अथ श्रीविष्णुसहस्त्रनाम स्तोत्रम यस्य स्मरणमात्रेन जन्मसंसारबन्धनात् । विमुच्यते नमस्तमै विष्णवे प्रभविष्णवे ॥ नमः समस्तभूतानां आदिभूताय भूभृते । अनेकरुपरुपाय विष्णवे प्रभविष्णवे … Read More “श्रीविष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्रमं सम्पूर्ण पाठ (Shri Vishnu Sahastranaam Stotram)”
विश्व भर में सबसे ज्यादा लोकप्रिय आरती ओम जय जगदीश हरे पं. श्रद्धाराम फिल्लौरी द्वारा सन १८७० में लिखी गई थी। परमपूज्य पं. श्रद्धाराम शर्मा या श्रद्धाराम फिल्लौरी जी सनातन धर्म प्रचारक, ज्योतिषी, स्वतंत्रता … Read More “आरती श्री जगदीश्वर जी की, ॐ जय जगदीश हरे”
अच्युताष्टकम् आदि गुरु श्री शंकराचार्य द्वारा रचित सर्वश्रेष्ठ एवं कर्णप्रिय स्तुतियों में से एक है, जो उन्होंने जगतपालक भगवान श्रीहरि विष्णु की स्तुति में लिखा है। ।। अथ श्री आदिशंकराचार्य … Read More “श्री आदि शंकराचार्य द्वारा लिखित “अच्युताष्टकं””
भगवान गणेश विघ्नहर्ता हैं, विद्यादाता हैं, धन-संपत्ति देने वाले है, गौरीपुत्र गणपति जीवन की हर परेशानी को दूर करने वाले है। श्रीगणेश जी की उपासना करने से आपके सभी संकट … Read More ““श्रीगणपति संकटनाशन स्तोत्र” के पाठ से अपने हर संकट को करें दूर”
जय शिव ओंकारा प्रभु जय शिव ओंकारा ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ हर हर हर महादेव एकानन चतुरानन पंचानन राजे, भोले पंचानन राजे हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे … Read More “शिवजी की आरती (Shiv Aarti)”
प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश जी की आरती : जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी । माथे … Read More “गणेश आरती (Ganesh Aarti)”
भोलेनाथ सबसे जल्द प्रसन्न होने वाले भगवान है। सच्ची श्रद्धा भक्ति से की गई थोड़ी सी पूजा अर्चना से भी भगवान शंकर जल्द प्रसन्न होकर मनोवांछित वर देते है, इसीलिए … Read More “श्री शिव चालीसा (Shiv Chalisa)”
श्री गणेश चालीसा (Shri Ganesh Chalisa) : ऐसा कहा जाता है कि अगर किसी भी शुभ काम से पहले गणेश जी का नाम न लिया जाए तो वो पूजा अधूरी … Read More “श्री गणेश चालीसा (Shri Ganesh Chalisa)”
देवता और असुर मिलकर जब समुद्रमन्थन कर रहे थे, तब मन्थन करते करते अचानक समुद्र से “कालकूट” की अत्यंत भयंकर विषाग्नि प्रकट हो गई। विष की विषाग्नि से सारे जलचर … Read More “पढ़िए भगवान शिव के नीलकण्ठ बनने की कथा”
देवगणों में प्रथम पूज्य श्री गणेश अपने भक्तों के संकट हरते हैं। बुधवार का दिन भगवान गणेश की आराधना का दिन होता है। बुध के दिन गणपति का पूजन, स्तोत्र … Read More “श्रीगणेश अथर्वशीर्ष स्तोत्र पाठ”
भगवान शिव के पुत्र गणेशजी का “मयूरेश स्तोत्र” तुरंत असरकारी माना गया है। यदि कोई व्यक्ति मानसिक अथवा शारीरिक रूप से परेशान है, अथवा किसी प्रकार की बीमारी से दुखी … Read More “श्री मयूरेश स्तोत्रमं पाठ (हिंदी भावार्थ सहित)”
सनातन भारतीय धर्मग्रंथों में कुबेर का स्थान धन के देवता के रूप में है, पर वास्तव में वह देवता ना होकर गंधर्व है। सृष्टि के संचालन हेतु देवमण्डल में सभी … Read More “भगवान गणेश ने कैसे तोड़ा कुबेर का घमण्ड, पढ़िए ये कथा”
क्या आप जानते है हमारे देश का नाम “भारतवर्ष” कैसे पड़ा? पहले इस खण्ड का नाम “अजनाभ खण्ड” था, लेकिन इस धरती पर “भरत” नाम के तीन महान राजाओं ने … Read More “जड़भरत चरित्र”
हमारा भारत देश तीज त्यौहारों का देश है, उत्सवों का देश है, पर्वो का देश है, रीति रिवाजों का देश है, मान्यताओं का देश है, परम्पराओं का देश है। सनातन … Read More “क्यों किया जाता है देव प्रतिमाओं का जल में विसर्जन! पढ़िए विसर्जन की धार्मिक मान्यता”
यह उपवास सप्ताह के प्रथम दिवस इतवार को रखा जाता है। माना जाता है कि सृष्टि का आरंभ सूर्योदय के साथ हुआ था, उस वक्त सूर्य की होरा होने के … Read More “रविवार (सूर्यदेव) व्रत कथा”
शनिदेव न्याय के देवता है, ग्रहमण्डल में उन्हें न्यायाधीश की जिम्मेदारी मिली हुई है। अक्सर लोग भूलवश शनिदेव को क्रूर देवता मान लेते है जबकि सच ये है कि शनिदेव … Read More “शनिवार (शनिदेव) व्रत कथा”
शुक्रवार के दिन माँ संतोषी की पूजा का विधान है। माना जाता है कि अगर कोई स्त्री माँ संतोषी की विधि विधान से पूजा करती है, शुक्रवार का व्रत रखकर … Read More “शुक्रवार (संतोषी माता) व्रत कथा”
गुरुवार का व्रत मुख्यतः भगवान श्रीहरि विष्णु और देवगुरु बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। जिसकी कुंडली मे गुरु भारी हो उसे भी बृहस्पतिवार का व्रत करने … Read More “बृहस्पतिवार (गुरुवार) व्रत कथा”
बुधवार को बुधदेव का दिन माना जाता है और इसका संबंध बुद्धि या ज्ञान से होता है, वहीं बुध ग्रह ज्ञान, कार्य, बुद्धि, व्यापार आदि का कारक है। यदि किसी … Read More “बुधवार व्रत कथा”
सनातन हिंदू धर्म में सप्ताह के सभी दिनों का अपना ही एक विशेष महत्व है, और प्रत्येक दिन को अलग-अलग देवताओं की पूजा-अर्चना के लिए निर्धारित किया गया है। मंगलवार … Read More “मंगलवार व्रत कथा”
हिन्दुबुक के पन्नो से आज हम अपने पाठकों के लिए लेकर आ रहे है सोमवार व्रत का सम्पूर्ण महात्म्य। भारतीय परंपरा और हिंदू धर्म में तीज-त्योहारों का अपना ही विशेष … Read More “सोमवार व्रत कथा”
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को पूरे भारतवर्ष में श्रीगणेश जन्मोत्सव मनाया जाता है। श्री गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है। वैसे तो यह त्यौहार भारत के विभिन्न … Read More “गणेश चतुर्थी विशेष : क्यों मनाई जाती है गणेश चतुर्थी”
सनातन धर्म में ब्रह्मा जी सृजन के देव माने गए हैं। शास्त्रों में ३ प्रमुख देव बताये गये है जिसमें ब्रह्मा सृष्टि के सर्जक, विष्णु पालक और महेश विलय करने … Read More “अन्य देवताओं की तरह ब्रह्माजी की पूजा क्यों नहीं की जाती है ?”
अयोध्या के महाराज हरिश्चन्द्र इक्ष्वाकु वंश के प्रसिद्ध राजा थे। हमेशा सत्य के मार्ग पर चलते थे, सत्य ही उनके लिए धर्म था। कहा जाता है कि सपने में भी … Read More “भगवान राम के पूर्वज : सत्यवादी महाराज हरिश्चन्द्र की कथा”
श्रीकृष्ण और बलराम जब प्रौगड़ अवस्था में प्रवेश कर चुके थे अर्थात जब वे ६ वर्ष के हो चुके थे तो उन्हें गौएँ चराने की अनुमति मिल चुकी थी। वे … Read More “श्रीकृष्ण बाल लीला : धेनुकासुर वध”
कृष्ण तत्व क्या है? इसे समझना अत्यंत दुष्कर होकर भी अत्यंत सरल है। पुराणों में भगवान को रसस्वरूप कहा गया है। यदि श्रीमद्भागवत महापुराण एक फल है तो उस फल … Read More “कृष्ण तत्व और गोपी भाव”
पूर्णरूप पारब्रह्म परमेश्वर योग योगेश्वर श्रीहरि विष्णु द्वापरयुग में श्रीकृष्ण रूप में अपनी समस्त सोलह कलाओं के साथ इस धराधाम पर अवतरित हुए थे। स्वामी अजेश स्वरूप ब्रह्मचारी जी के … Read More “जानिए श्रीकृष्ण की सोलह कलाओं के बारे में”
पांचों पाण्डवो के स्वर्गलोक की महायात्रा पर प्रस्थान करने के बाद अर्जुन के पौत्र और अभिमन्यु के पुत्र, “महाराज परीक्षित” हस्तिनापुर के राजा बने। सदैव धर्म के मार्ग पर चलने … Read More “अभिमन्यु पुत्र महाराज परीक्षित की कथा: किसने दिया था महाराज परीक्षित को श्राप”
शास्त्रो में राजा को भगवान की विभूति माना गया है। साधारण व्यक्ति से श्रेष्ट राजा को माना जाता है, राजाओ में भी श्रेष्ट सप्तद्वीपवती पृथ्वी के चक्रवर्ती सम्राट को और … Read More “गौरक्षा के लिए स्वयं के प्राणों की बाजी लगाने वाले सूर्यवंशी राजा दिलीप”
दुर्वासा ऋषि के श्राप के कारण देवताओं का सौभाग्य उनसे रूठ गया था और इसी अवसर का लाभ उठा के दैत्यगुरु शुक्राचार्य के नेतृत्व में असुरों ने देवताओं पर आक्रमण … Read More “सीखिए भगवान विष्णु से : मुसीबत पड़ने पर शत्रुओं से भी काम कैसे निकलवाया जाता है”
समुद्र मन्थन की कथा तो आप सब को पता ही है। कैसे देवताओं ने असुरों के साथ मिलकर समुद्र मंथन किया जिसमें से अनेक रत्नों के साथ कालकूट विष, कल्पवृक्ष, … Read More “क्यों करना पड़ा था देवताओं को समुद्र मंथन”
5 अगस्त 2020, यह वो ऐतिहासिक दिन है जब करोड़ो हिंदुओ के स्वाभिमान का, वर्षों से चले आ रहे संघर्ष का एक पड़ाव पूर्ण हुआ। यह वो दिन है जब … Read More “5 अगस्त 2020 : हिन्दू स्वाभिमान का विजय दिवस”
आज हमारे पाठकों के लिए हिन्दुबुक के पन्नो से हम आपके लिए लेकर आए है, श्रीरामचरितमानस से प्रभु श्रीरामचन्द्र जी के अनुपम सौंदर्य के वर्णन का एक अद्भुत प्रसंग: ज़रा … Read More “जब एक राक्षस भगवान श्रीराम के रूप पर हो गया था मोहित”
सिंधु राज्य के नरेश राजा वृद्धक्षत्र के राज्य में किसी प्रकार की कोई कमी नही थी, सिवाय राज्य के उत्तराधिकारी के। देवताओं की मान मनौतियों, यज्ञ हवन, धर्म कर्म, दान … Read More “जयद्रथ वध : जब अर्जुन ने लिया अभिमन्यु की मृत्यु का बदला”